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लेखनी कहानी -29-Sep-2023 फॉर्म हाउस

फॉर्म हाउस भाग 9

पूजा उर्फ पवित्रा के अचेत हो जाने से अदालत में खलबली मच गई । इससे लीना मल्होत्रा को मौका मिल गया और वह हीरेन पर बरस पड़ी  "अगर इसे कुछ हो गया तो याद रखना मिस्टर हीरेन, मैं तुम्हारी खाट खड़ी कर दूंगी । बहुत बड़े जासूस बने फिरते हो, सारी जासूसी करनी भुला दूंगी , समझे" ।

जब विपरीत समय हो और परिस्थितियां भी प्रतिकूल हो जायें तब इन्सान को खामोशी अख्तियार कर लेनी चाहिए । मौसम पलटते देर नहीं लगती है । बस, इंसान थोड़ा धैर्य रखे । हीरेन ने यही किया । उसने विवेक के कान में कुछ कहा और विवेक अदालत से बाहर चला गया ।

अदालत के कर्मचारियों ने पूजा पर पानी के छींटे डाले तो वह होश में आ गई । उसने खड़े होने की कोशिश की पर वह खड़ी नहीं हो पाई । हीरेन उसकी शानदार एक्टिंग देख रहा था और मन ही मन उसकी एक्टिंग की प्रशंसा भी कर रहा था । वह सोच रहा था कि इतनी अच्छी एक्ट्रेस एक केयर टेकर के साथ क्या कर रही है ? इसे तो बॉलीवुड में होना चाहिए था । यदि यह वहां पर होती तो अब तक तो यह प्रसिद्ध अभिनेत्री बन चुकी होती । लेकिन तकदीर का खेल है । कोई जीरो तो कोई हीरो ।

इतने में विवेक एक व्यक्ति को लेकर आ गया । हीरेन जज अनिला तिवारी से कहने लगा  "योर ऑनर, मैंने अदालत में कहा था कि यह औरत पूजा नहीं पवित्रा है और वह बच्चा वीरेन्द्र का नहीं अपितु राज मल्होत्रा का है । अब मैं इस तथ्य को एक गवाह से सिद्ध करना चाहता हूं । इस गवाह की गवाही से पूजा बनी पवित्रा की पोल खुल जायेगी । मुझे एक गवाह प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाये, मी लॉर्ड" ।

पूजा ने जब उस व्यक्ति को देखा तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया । जज अनिला तिवारी ने पूजा को कटघरे से बाहर निकाल कर सामने रखी कुर्सी पर बैठने की अनुमति दे दी । उस व्यक्ति को कटघरे में खड़ा कर दिया गया । हीरेन उससे सवाल पूछने लगा ।  "आपका नाम" ?  "विजय खन्ना"  "पिताजी का नाम" ?  "अजय खन्ना"  "उस औरत को जानते हो" ? हीरेन ने पूजा की ओर उंगली करते हुए विजय से पूछा ।  "जी, अच्छी तरह जानता हूं" ।  "कौन है यह औरत" ?  "जी , इसका नाम पवित्रा है । पहले यह मेरी पत्नी थी लेकिन बाद में हमारा तलाक हो गया" ।  "अच्छा ! ये पवित्रा हैं जो पहले आपकी पत्नी थीं ! पर इनका तो यह कहना है कि ये पूजा हैं और वीरेंद्र के साथ में लिव इन में रह रही हैं । क्या आपके पास कोई सबूत है जो यह सिद्ध कर सके कि ये पवित्रा ही हैं" ? हीरेन ने विजय से पूछा ।  "एक नहीं हजारों सबूत हैं मेरे पास इसे पवित्रा सिद्ध करने के लिए ।  सबसे पहले तो यह हमारी शादी की एल्बम देखिये । इस पर लिखा है "विजय वैड्स पवित्रा" । इसमें लगे फोटोग्राफ्स देखिये । ये हम दोनों के फोटोग्राफ्स हैं । लीजिए, देखिए" । विजय ने एल्बम हीरेन को दे दी । हीरेन ने वह एल्बम जज अनिला तिवारी की ओर बढ़ा दी । जज साहिबा एल्बम देखती जा रही थीं और बीच बीच में पूजा उर्फ पवित्रा को भी देख रही थी । पूजा का चेहरा बता रहा था कि उसकी "कलाकारी" अब काम नहीं आयेगी । जज ने एल्बम देखकर लीना मल्होत्रा को पकड़ा दी । लीना मल्होत्रा उस एल्बम को देखकर कहने लगी  "इस बात की क्या गारंटी है कि यह एल्बम पूजा का ही है ? इसमें पूजा की हमशक्ल कोई लडकी भी तो हो सकती है योर ऑनर" ?  लीना मल्होत्रा का प्रश्न बिल्कुल सही था । इस पर हीरेन ने कहा  "मैं जानता था कि यह प्रश्न उठाया जायेगा इसीलिए मैं उस फोटोग्राफर को भी साथ ले आया हूं जिसने यह एल्बम बनाया है" ।  इसके बाद उसने विवेक को इशारा किया और विवेक बाहर से एक व्यक्ति को लेकर आ गया ।  "योर ऑनर, ये गोल्डी सिंह है । इसने ही पवित्रा और विजय की शादी की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की थी । अब ये ही बतायेगा कि यह एल्बम वास्तविक है या फर्जी" । कहते हुए हीरेन ने गोल्डी से कहा  "क्यों गोल्डी सिंह , मैडम का कहना है कि आप केवल नाम के ही गोल्डी हो या वास्तविक गोल्डी हो ? ये इस एल्बम को फर्जी बता रही हैं" ।  "साहब , मैंने खुद ने इनकी शादी में फोटो लिये हैं और वीडियो बनाई है । फिर यह फर्जी कैसे हो गई ? जो मैडम इसे फर्जी बता रही हैं , वे इसे फर्जी सिद्ध करके दिखायें । उनके कह देने से ये फर्जी थोड़े बन जायेगी । मेरे पास इसके नेगेटिव भी रखे हुए हैं जिन्हें मैं साथ लाया हूं , चाहें तो देख सकते हैं" । वह अपने साथ लाये हुए एक बैग को खोलने लगा ।

इससे पहले कि वह अपना बैग खोलकर नेगेटिव दिखाता , विजय बोला  "मेरा और पवित्रा का कोर्ट से तलाक हुआ था । यह तलाक की डिग्री है । इस पर मेरी और पवित्रा की फोटो लगी हुई है । यह दस्तावेज तो फर्जी नहीं हो सकता है ना , मैडम ? इसके अलावा भी मेरे पास और भी दस्तावेज हैं जैसे बैंक की पासबुक, राशनकार्ड वगैरह । कहो तो दिखा दूं" ? विजय के चेहरे पर मुस्कान उभर आई थी । कोर्ट में पवित्रा के जलील होने से उसे आत्मिक संतोष मिल रहा था । वह पवित्रा से बहुत अधिक तंग आ गया था शायद । अब उसकी सार्वजनिक रूप से बेइज्जती होने से उसे बहुत अच्छा लग रहा था । दुष्ट आदमी अपनी दुष्टताओं पर चाहे जितना भी खुश हो ले , मगर एक दिन उसे पछताना अवश्य पड़ता है । आज शायद पवित्रा की जिंदगी में वह दिन आ गया था ।

जज साहिबा ने कोर्ट की तलाक की डिग्री को ध्यान से देखा , उसे पढ़ा और उस पर लगे फोटोग्राफ्स को भी देखा । नाम पवित्रा लिखा हुआ था और फोटो भी पूजा का ही लगा हुआ था । उसके हस्ताक्षर भी हो रहे थे । अब शक की कोई गुंजाइश नहीं रह गई थी । जज ने वे सभी दस्तावेज लीना मलहोत्रा को दे दिए जिससे वह भी इन्हें अच्छी तरह देख ले । लीना उन कागजों को आंखें फाड़कर देखने लगी । कोर्ट की डिक्री को वह फर्जी नहीं कह सकती थी इसलिए उसे मानना पड़ा । पिक्चर बिल्कुल क्लीयर हो गई थी । पूजा वास्तव में पवित्रा ही थी ।

हीरेन ने विजय खन्ना से कहा "जरा अदालत को बताइये कि आपकी शादी पवित्र से कब हुई और तुम दोनों का तलाक क्यों हुआ" ?  "हुजूर , मेरी किराना की दुकान है । पवित्रा का रिश्ता लेकर इसके पिताजी मेरे पिताजी के पास आये थे । पवित्रा के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी लेकिन पवित्रा सुन्दर थी इसलिए यह रिश्ता हमें पसंद आ गया था । हमारी शादी हो गई जिसकी एल्बम आपने देखी थी । बाद में मैं इस पवित्रा के कहने पर अपने माता पिता से अलग हो गया और एक अलग दुकान खोल ली । वह दुकान अच्छी नहीं चली और हमारी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई । तब पवित्रा ने नौकरी करने का मानस बनाया । मैंने भी इसे ठीक समझा । पवित्रा राज मलहोत्रा के ऑफिस में काम करने लगी ।

हमारी शादी को करीब तीन साल हो गये थे पर पवित्रा के कोई बच्चा नहीं लगा था । मुझे चिंता हुई तो एक दिन मैंने मेरे दोस्त से अपनी परेशानी शेयर कर दी । मेरा दोस्त मुझे एक डॉक्टर के पास ले गया उसने मेरी खूब जांचें कीं और एक रिपोर्ट बनाकर दे दी कि मैं बाप नहीं बन सकता हूं । उस रिपोर्ट से मुझे बहुत धक्का लगा लेकिन मैं कर भी क्या सकता था । पर ये बात मैंने पवित्रा को कभी नहीं बताई ।

एक दिन पवित्रा ने कहा कि वह मां बनने वाली है । यह बात सुनकर मैं स्तब्ध रह गया । जब मैं बाप बन ही नहीं सकता था तो फिर पवित्रा मां कैसे बन सकती है योर ऑनर ? और यदि यह मां बनने वाली थी तो फिर वह बच्चा किसका था ? मैं सोच में पड़ गया था ।  मैंने अपनी बीवी पर कभी शक नहीं किया , पर उस दिन पहली बार मैंने पवित्रा को मन ही मन 'कुलटा' और 'वेश्या' तक कह दिया था पर प्रत्यक्षत: उसे कुछ भी नहीं कहा । मैं जानना चाहता था कि उस बच्चे का बाप कौन है ?

मैंने चोरी चोरी पवित्रा की जासूसी करानी शुरू कर दी । पवित्रा अपने ऑफिस जाती थी और वहीं से उसे राज मल्होत्रा अपने फार्म हाउस पर ले जाता था । वहां दोनों खूब मौज मस्ती करते थे और पवित्रा ऑफिस टाइम पर घर आ जाती थी । इसलिए इस पर मुझे कभी शक नहीं हुआ । एक दिन मैं इसका पीछा करता करता राज मल्होत्रा के फॉर्म हाउस तक पहुंच गया । वहां पर केयर टेकर वीरेन्द्र भी था । राज मल्होत्रा ने उसे किसी काम से बाहर भेज दिया । तब पवित्रा ने राज मल्होत्रा से कहा कि वह उसके बच्चे की मां बनने वाली है । मैं यह सुनकर चौंका । "इसने मुझे भी यही कहा कि वह मां बनने वाली है । पर इसे कैसे पता कि वह बच्चा राज मलहोत्रा का ही है" मैं सोचने लगा । इतने में राज मल्होत्रा ने बच्चा गिराने को कह दिया तो इस पर पवित्रा भड़क गई । दोनों में खूब झगड़ा हुआ और पवित्रा को राज मल्होत्रा ने फॉर्म हाउस से भगा दिया । यह रोते रोते बाहर निकली और एक टैक्सी करके घर आ गई । उस दिन के बाद से उसने वह नौकरी भी छोड़ दी । मैं असमंजस में पड़ा रहा और सोचने लगा कि मैं क्या करूं ? फिर एक दिन मैंने इसे गुस्से में आकर अपने घर से निकाल दिया ।

तब इसने वीरेन्द्र को फोन किया और यह उसके पास चली गई । तब वीरेन्द्र ने इसे हजरतगंज में एक मकान दिलवा दिया और यह वहां पूजा बनकर रहने लगी । तब मैंने इसे तलाक का नोटिस भेजा और इस तरह हमारा तलाक हो गया" ।

शेष अगले भाग में  श्री हरि  7.10.23

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5 Comments

RISHITA

13-Oct-2023 12:46 PM

Fabulous

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hema mohril

09-Oct-2023 07:37 PM

Amazing

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Anjali korde

09-Oct-2023 11:30 AM

V nice

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